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नाराज अन्नदाताओं ने पुलिस थाने में लगाई गुहार...मामला एमकेसी कंपनी द्वारा तालाब की पाल तोड़ने का

नाराज अन्नदाताओं ने पुलिस थाने में लगाई गुहार...मामला एमकेसी कंपनी द्वारा तालाब की पाल तोड़ने का

परितोष राजगुरु  |  31 Jul, 07:42 PM |  630

नाराज अन्नदाताओं ने पुलिस थाने में लगाई गुहार...मामला एमकेसी कंपनी द्वारा तालाब की पाल तोड़ने का
नाराज अन्नदाताओं ने पुलिस थाने में लगाई गुहार...मामला एमकेसी कंपनी द्वारा तालाब की पाल तोड़ने का

परितोष राजगुरू
एम पी 14 न्यूज

बीते दिनों 8 लेन रोड निर्माण से जुड़ी एमकेसी कंपनी द्वारा ग्राम सगोर के निकट प्राचीन तालाब की पाल को तोड़ दिया गया था जिसके बाद हंगामा मचा एवं मौके पर कांग्रेस भाजपा के नेताओं ने धरना प्रदर्शन भी किया था
 स्थिति को संभालते हुए एमकेसी कंपनी के अधिकारियों ने प्रशासन की उपस्थिति में पीड़ित किसानों को लिखित में मुआवजा देने की बात भी कही थी लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही ना होने से अन्न दाताओं ने नाराज होकर आज सीतामऊ पुलिस थाने में गुहार लगाई
सीतामऊ पुलिस थाना पहुंचकर नाराज किसानों ने कंपनी के ऊपर एफ आई आर दर्ज करने की मांग की 
स्थिति को संभालते हुए मौके पर पहुंचे तहसीलदार नीलेश पटेल ने टी आई दिनेश प्रजापति की उपस्थिति में किसानों को 24 घंटे में कंपनी के अधिकारियों से चर्चा कर निराकरण करने की बात कही अन्यथा कंपनी के अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही का आश्वासन दिया
आपको बता दें कि विगत दिनों जब एमकेसी कंपनी द्वारा तालाब की पाल को तोड़ा गया तो नजदीकी लगभग 100 बीघा क्षेत्र के कई किसानों के खेतों की मिट्टी तक बह गई एवं मलबे के पत्थर उनके खेतों समेत कुए के अंदर भरे पड़े हैं जिससे किसानों का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है

जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि कर्मवीर सिंह भाटी, विनय राजोरिया, बालू सिंह तरनोद समेत कई कांग्रेस नेता भी किसानों के साथ पुलिस थाना सीतामऊ पहुंचे एवं एमकेसी कंपनी के अधिकारियों पर एफ आई आर दर्ज करने की मांग की 

जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि कर्मवीर सिंह भाटी ने बताया कि जब हम धरना प्रदर्शन पर बैठे थे तब हमें लिखित में आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा कंपनी के माध्यम से दिलवाया जाएगा लेकिन आज 2 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो नुकसान का पूरी तरह आंकलन हुआ है ना ही कंपनी द्वारा किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा किसानों को दिया गया है आज सभी पीड़ित किसान अपने मुआवजे के लिए भटक रहे हैं लेकिन एमकेसी कंपनी द्वारा सुनवाई नहीं की जा रही जिससे नाराज होकर एमकेसी कंपनी के अधिकारियों के ऊपर हमने एफ आई आर दर्ज करने की मांग की है 

आखिर कौन बचा रहा MKC कंपनी को ?

किसानों के ऊपर शिवराज सरकार में इतना बड़ा कुठाराघात होने के बाद भी आखिर वह कौन है जो एमकेसी कंपनी को बचा रहा है क्योंकि किसानों के हित से जुड़े मामलों में अधिकतर शिवराज सरकार सख्त दिखती है एवं किसानों के हित में फैसला लेने से नहीं चूकती ऐसे में जब पीड़ित किसान स्वयं इस बात की गवाही दे रहा है कि तालाब की पाल एमकेसी कंपनी के अधिकारियों द्वारा तोड़ी गई , किसानों की उपस्थिति में तोड़ी गई जिसका वीडियो भी किसान के मोबाइल में मौजूद था एवं उनसे मोबाइल की छीना झपटी भी की गई..उक्त सभी बाते सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में स्पष्ट सुनाई दे रही है तो फिर आखिर वह कौन है जो कंपनी और उससे जुड़े अधिकारियों को बचाने में लगा है ?

नाराज अन्नदाताओं ने पुलिस थाने में लगाई गुहार...मामला एमकेसी कंपनी द्वारा तालाब की पाल तोड़ने का

मामला सीतामऊ की महिला की नसबंदी ऑपरेशन के दौरान पेट में...

मामला सीतामऊ की महिला की नसबंदी ऑपरेशन के दौरान पेट में कैंची छोड़ने का  जांच रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने दिया अभिमत ऑपरेशन के दौरान ही त्रुटिवश पेट में छूट गई होगी कैंची...मामले में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं

मामला सीतामऊ की महिला की नसबंदी ऑपरेशन के दौरान पेट में कैंची छोड़ने का

जांच रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने दिया अभिमत
ऑपरेशन के दौरान ही त्रुटिवश पेट में छूट गई होगी कैंची...मामले में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं

एम पी 14 न्यूज @ सीतामऊ
परितोष राजगुरू 

सीतामऊ निवासी सीमा पति नीलेश हरगौड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामगढ़ में 4 दिसंबर 2014 को नसबंदी ऑपरेशन हुआ
डॉक्टर संजय शर्मा एवं ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर राकेश पाटीदार ने महिला को नसबंदी मेघाफिट का प्रमाण पत्र दिया लेकिन डॉक्टर्स ने ऑपरेशन के दौरान घोर लापरवाही बरतते हुए कैंची महिला के पेट में ही छोड़ दी
इस लापरवाही के चलते पीड़ित महिला पिछले दस वर्षो से शारीरिक पीड़ा झेलती आ रही है
महिला द्वारा परिजनों को दर्द की बात बताई गई जिसके बाद परिजनों ने पेट दर्द, पथरी तक का इलाज कराया लेकिन दर्द असहनीय होने पर पीड़ित महिला के पति नीलेश हरगौड ने सीतामऊ शासकीय अस्पताल में दिनांक 30 जुलाई 2024 को महिला का चेकअप करवाया था जहां डॉक्टर अर्जुन धाकड़ ने पेट का एक्सरे किया तो एक्सरे में महिला के पेट में कैंची होना पाया 
परिजनों को महिला के पेट में कैंची होने की बात पता चली तो ताबड़तोड़ सीतामऊ से मंदसौर शासकीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन मंदसौर में डॉक्टर्स द्वारा परिजनों को बताया गया कि यहां इलाज संभव नहीं है इसके बाद मंदसौर शासकीय अस्पताल से डॉक्टर सिद्धार्थ शिंदे द्वारा डिस्चार्ज सर्टिफिकेट बनाकर 1 अगस्त 2024 को महिला के परिजनों को दिया गया
महिला के परिवार जन निजी खर्च पर अहमदाबाद पहुंचे जहां महिला का ऑपरेशन कर पेट में से कैंची निकाली गई थी
पिछले दस साल से कैंची महिला के पेट में होने से कैंची इतनी अंदर तक धंस गई थी कि अहमदाबाद के डॉक्टरों को पेट के उस पूरे हिस्से को काटकर बाहर निकलना पड़ा
अहमदाबाद के डॉक्टरों ने परिजनों को ऑपरेशन के उपरांत वह कैंची भी दिखाई 
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सीतामऊ में सर्व समाज ने दोषियों के खिलाफ तुरंत जांच कर कार्यवाही करने के लिए प्रदर्शन किया था

सर्वसमाज द्वारा प्रदर्शन के बाद दिए गए थे जांच के आदेश...रिपोर्ट आई लेकिन देने में की आनाकानी

इस पूरे मामले में सीतामऊ में सर्व समाज द्वारा
कार्यवाही हेतु प्रदर्शन किया गया था जिसके बाद तीन डॉक्टर का जांच दल गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे
जांच दल में डॉक्टर एस जी सूर्यवंशी, डॉक्टर प्रीति मानावत, डॉक्टर करुणा चौधरी द्वारा जांच कर दिनांक 23.09.2024 को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें अभिमत दिया गया है कि पीड़िता सीमा के पेट में जो कैची पाई गई थी जांच में प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर नसबंदी ऑपरेशन की प्रक्रिया में दो लोग अर्थात डॉक्टर संजय शर्मा एवं कविता धाकड़ नर्सिंग ऑफिसर संलग्न थे तथा नसबंदी का ऑपरेशन के बाद मरीज का कोई अन्य ऑपरेशन नहीं हुआ है जो कि मरीज के परीक्षण से साबित होता है अतः यह अभिमत दिया जाता है कि पीड़िता सीमा के पेट में जो कैंची पाई गई है वह नसबंदी ऑपरेशन के दौरान ही त्रुटिवश पेट में छूट गई होगी ऐसा प्रतीत होता है
जानकारी अनुसार जांच रिपोर्ट आने के बाद जब अखिल भारतीय औदुंबर ब्राह्मण समाज के महासचिव उमेश द्विवेदी ने जब संबंधित अधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी तो उन्हें रिपोर्ट देने में भी आनाकानी की गई, पुनः धरना एवं प्रदर्शन की चेतावनी के बाद जांच रिपोर्ट की कॉपी उन्हें सौंपी गई


पीड़ित महिला के पति नीलेश हरगौड ने दैनिक मंदसौर प्रभात के सीतामऊ प्रतिनिधि से चर्चा में बताया कि पिछले दस साल से पत्नी शारीरिक पीड़ा भोग रही थी डॉक्टर्स की घोर लापरवाही है हम मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से टूट चुके है अभी तक किसी प्रकार का मुआवजा भी नहीं मिला है जांच में दोषी पाए गए डॉक्टर्स पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए

एक्शन में होंगे मध्य प्रदेश के नायक मुख्यमंत्री मोहन...

एक्शन में होंगे मध्य प्रदेश के  नायक मुख्यमंत्री मोहन यादव आपकी सरकार आपके द्वार

एक्शन में होंगे मध्य प्रदेश के  नायक मुख्यमंत्री मोहन यादव आपकी सरकार आपके द्वार

एम पी 14 न्यूज

मध्य प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में अचानक निरीक्षण और मॉनिटरिंग के लिए मध्य प्रदेश में 731 नए हेलीपैड बनाए जा रहे हैं अभी मध्य प्रदेश में 208 हेलीपैड हैं अब कुल मिलाकर 939 हेलीपैड तैयार होंगे पीडब्ल्यूडी विभाग को इसकी नोट शीट भेज दी गई है और मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि उन स्थानों को चिन्हित किया जाए कि जहां पहुंचने में तकलीफ और कठिनाई होती है उन स्थानों पर हेलीपैड का निर्माण तुरंत किया जाए ताकि शासन प्रशासन अचानक कभी भी जाकर वहां   पर निरीक्षण और मॉनिटरिंग कर सके कुछ इलाके दूरस्थ दुर्गम है और सुविधाओं से वंचित है ऐसे ग्रामीण इलाकों में शासन की योजनाओं से अवगत कराया जा सके मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की जा रही है पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने 731 हेलीपैड निर्माण का आदेश दिया है निश्चित ही इसमें शासकीय अधिकारियों में हमेशा हड़कंप मचा रहेगा..!!

रात्रि में स्कूटी का पेट्रोल हुआ खत्म...बीच रास्ते में...

रात्रि में स्कूटी का पेट्रोल हुआ खत्म...बीच रास्ते में परेशान हो रही मां बेटी की पुलिस ने की मदद

थाना सीतामऊ डायल 100 एफआरवी द्वारा रात्रि में महिला संबंधी इवेंट पर त्वरित कार्यवाही कर मदद की
एम पी 14 न्यूज (सीतामऊ)

आज दिनांक 01.06.24 को डायल 100 एफआरवी पर रात 10 बजे कॉलर शकुंतला कथिरीया निवासी नाटाराम द्वारा बताया गया की मैं व मेरी पुत्री स्कुटी से ग्राम रावटी से अपने ग्राम नाटाराम जा रहे थे,जो ग्राम दम्माखेड़ी के रास्ते जंगल में पेट्रोल खत्म हो गया है रात्रि में दोनो अकेली होकर पुलिस सहायता की आवश्यकता है । थाना सीतामऊ डायल 100 में लगे आर.397 राहुलसिंह व पायलेट गोपाल बसेर द्वारा इवेंट पर त्वरित कारवाई करते हुए मौके पर पहुँचे व महिला को रात्रि में पेट्रोल उपलब्ध कराया जिसके बाद महिला व उनकी पुत्री को साथ लेकर सुरक्षित अपने घर ग्राम नाटाराम पहुँचाया।

     सराहनीय कार्यः- उक्त कारवाई में एफआरवी ड्युटी में लगे आरक्षक 397
राहुलसिंह व पायलट गोपाल बसेर का सराहनीय योगदान रहा ।

बस संचालकों की मनमानी... छत पर बैठा रहे सवारियों को...हो...

बस संचालकों की मनमानी... छत पर बैठा रहे सवारियों को...हो सकती है बड़ी दुर्घटना

बस संचालकों की मनमानी... छत पर बैठा रहे सवारियों को...हो सकती है बड़ी दुर्घटना

सीतामऊ

मंदसौर से शामगढ़ रूट पर चलने वाली यात्री बसों में इन दिनों नियमो की अनदेखी की जा रही है बस संचालकों द्वारा मुनाफे के चक्कर में यात्रियों को भरी गर्मी में छत पर बैठाया जा रहा है मजबूरी में यात्रियों को जान दांव पर लगानी पड़ रही है
मंदसौर जिले में पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी है जिसमे यात्री बसों की छत पर बैठे यात्री हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ चुके है
ग्रामीण क्षेत्र एवं घनी आबादी से गुजरते समय इन यात्री बसों के दुर्घटना ग्रस्त होने की आशंका और बढ़ जाती है ऐसे में इन ओवरलोडेड बसों पर यातायात विभाग द्वारा कार्यवाही ना होना भी अपने आप में बड़ा प्रश्न चिन्ह है ताजा मामला सीतामऊ बस स्टैंड का है जहां सुवासरा की ओर जाने वाली बस की छत पर भी यात्री बैठे थे और उतरते समय यात्री का पैर फिसलने से वह चोटिल हो गया
कई जगह विद्युत तार भी कम ऊंचाई पर है  ऐसे में लापरवाही बरतते हुए बस संचालक थोड़े से मुनाफे के एवज में यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहे है अगर समय रहते यातायात विभाग द्वारा कार्यवाही नही हुई तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है

हादसे को न्यौता देता कॉलोनी का जर्जर कुआ... नगर परिषद एवं...

हादसे को न्यौता देता कॉलोनी का जर्जर कुआ... नगर परिषद एवं कॉलोनाइजर की लापरवाही दुर्घटना को दे सकती है अंजाम

हादसे को न्यौता देता कॉलोनी का जर्जर कुआ 
नगर परिषद एवं कॉलोनाइजर की लापरवाही दुर्घटना को दे सकती है अंजाम

एम पी 14 न्यूज
सीतामऊ

नगर की सिद्धिविनायक कॉलोनी जो पुलिस थाने के ठीक पीछे कॉलोनाइजर द्वारा लगभग 15 वर्ष पूर्व इस कॉलोनी को स्वरूप दिया गया था जब से लेकर आज तक यह कॉलोनी हमेशा विवादों के घेरे में ही चली आ रही है यहां के रहवासी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं यहां तक की लगभग 15 वर्ष जीतने के बाद भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं का कोई लाभ आज तक मिलता नजर नहीं आ रहा है इसी कॉलोनी के मुख्य द्वार से कुछ आगे कॉलोनी के अंदर एक जर्जर बावड़ी नुमा कूवा है जो कई साल पुराना होकर वर्ष भर पानी रहता है लेकिन इसके चारों ओर ना तो ऊंची मुंडेर है ना कोई व्यवस्थित सुरक्षा घेरा जो कॉलोनी के मुख्य सड़क से लगता हुआ है कॉलोनी वासियों का कहना है कि इस बावड़ी के बारे में कॉलोनाइजर एवं नगर परिषद को कई बार मौखिक रूप से अवगत करा दिया गया है किंतु आज तक कोई भी सुनने को तैयार नहीं है यहां कॉलोनी वासियों के छोटे-छोटे बच्चे कई बार खेलते हुए पाए जाते हैं जिससे कभी भी कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है और दूसरी और यह कुआ कॉलोनी के सड़क के ठीक पास होने से कभी भी कोई भी वाहन दुर्घटना का शिकार हो सकता है सबसे  बडी बात तो यह है की जिला कलेक्टर द्वारा  कॉलोनी की जांच के लिए दल  गठित किया गया था तब  जांच के दौरान कॉलोनी वासियों द्वारा कई बार उक्त दल के सदस्यों को अवगत कराना चाहा किंतु किसी ने भी उस ओर ध्यान नहीं दिया इसके बारे में कई बार प्रशासन का अवगत कराया जा चुका है किंतु ऐसा लगता है की स्थानीय प्रशासन एवं कॉलोनाइजर शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हो, हो सकता है उसके बाद उक्त स्थानीय प्रशासन एवं कॉलोनाइजर द्वारा समस्या की ओर ध्यान दिया जा सके