कांग्रेस के दलबदलुओं को लेकर मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के.मिश्रा की तल्ख टिप्पणी
कहा-दौलत के शौकीन लोग,कभी वफादार नहीं हो सकते,इन्हें राजनैतिक वैश्या कहना ही उचित होगा !!
भाजपा कुछ दिनों बाद हाथ ठेला लगाकर गली - गली आवाजें लगाएगी भाजपा ज्वाइन कर लो और बाद में इन्हें सड़े टमाटर जैसा फेंक देगी
एम पी 14 न्यूज
परितोष राजगुरू
भोपाल | मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के.मिश्रा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में प्रवेश करने वालों को लेकर तल्ख टिप्पणी की है, बाकायदा आज जारी अपने अधिकृत बयान में उन्होंने ऐसे लोगों पर तीखा हमला बोलते हुए यहां तक कह डाला कि "दौलत के शौकीन लोग कभी वफादार नहीं हो सकते, ऐसे लोग दरअसल राजनैतिक वेश्याओं के ही समान हैं"?
मिश्रा ने कहा कि राजनीति में दो तरह के लोग होते हैं, एक वे जो पार्टी से भी बड़ी उसकी विचारधारा को समर्पित होते हैं, जिनकी पार्टी को भी जरूरत होती है। दूसरे वे जिन्हें पार्टी की जरूरत होती है,ताकि वे अपने राजनैतिक, पारिवारिक और आर्थिक हितों को साध सकें! आज वे ही लोग पार्टी और विचारधारा को छोड़ कर अंधेरी खाई में गिरने जा रहे हैं, उनका कल क्या हश्र होगा शायद वे अनभिज्ञ हैं? उन्होंने यह भी कहा कि जो विचारधारा देश और अपनी ही पार्टी के नेताओं की नहीं हुई,वह ऐसे दलबदलुओं की क्या होगी?
मिश्रा ने कहा कि भाजपा का ग्राफ अब धीरे - धीरे उतार पर है, इंडिया गठबंधन और इसके परिणामों से वह चिंतित है। यही कारण है कि वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानसिक मनोबल कम करने के लिए इस तरह के माइंड गेम खेल रही है, सर्वाधिक आश्चर्य तो इस बात का है इस कार्य के लिए भाजपा ने अपनी पार्टी में अधिकृत रूप से "न्यू ज्वाइनिंग विभाग" तक बना रखा है,यदि वह अपने स्वयं को विश्व की (कथित) सबसे बड़ी पार्टी प्रचारित कर रही है तो उसे इस तरह की दुकान खोलने क्या जरूरत क्यों आन पड़ी?
मिश्रा ने व्यंग किया कि यही स्थिति रही तो भाजपा नेता आने वाले दिनों में गली-गली ठेला लेकर आवाजें लगाते दिखाई,सुनाई देते फिरेंगे कि "भाजपा ज्वाइन कर लो"!!
मिश्रा ने आज भाजपा में प्रवेश लेने वाले कांग्रेस से कई बार महू निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए विधायक और इंदौर प्रीमियम कोऑपरेटिव बैंक के उपाध्यक्ष/अध्यक्ष रहे अंतरसिंह दरबार और कांग्रेस पार्टी के टिकट पर महापौर,विधायक व सांसद का चुनाव लड़ चुके पंकज संघवी पर भी जमकर हमला बोला। कहा - श्री दरबार को दरबार की हैसियत ही कांग्रेस ने दी,इन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने समझाइश भी दी किंतु उन्होंने पटवारी को यह बताया कि उन्हें एक कैबिनेट मंत्री ने उक्त कोऑपरेटि बैंक का अध्यक्ष बनाने का वायदा किया है,मेरी उम्र 72 साल है,अगले 5 सालों में 77 साल का हो जाऊंगा! शायद यही उनकी भाजपा के प्रति निष्ठा होगी? दूसरी ओर संघवी तो कभी दिल से कांग्रेसी रहे ही नहीं,उनका पूरा परिवार भू-माफिया रहा है, भूमि संबंधित मामलों में अभी भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर है, उन्होंने हर चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी का सेबोटेज कर भाजपा को लाभ पंहुचाया है,संभवत : ये जब जब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडे तभी इन्होंने और इनके परिवार ने कांग्रेस को वोट दिया होगा ? ऐसे लोगों को कांग्रेस में शामिल करना ही हमारी पार्टी की बड़ी और अक्षम्य भूल थी, जिसके लिए मैं स्वयं भी वास्तविक पार्टीजनों से क्षमाप्रार्थी हूं।
अपने इस तल्ख बयान के बाद के के मिश्रा एकाएक पूरे प्रदेश में सुर्खियों में आ गए है अपने पूरे बयान में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने वाले नेताओ को मिश्रा ने कड़ी नसीहत देने का काम किया और अलग अलग उपमाएं भी दी लेकिन भाजपा से कांग्रेस में आने वाले लोगो पर भी क्या यही बाते मिश्रा लागू करेंगे ? या सिर्फ यह बयान मीठा मीठा गप गप कड़वा कड़वा थू थू की तर्ज पर एक पक्षीय बयानबाजी तक सीमित रहेगा !