15 दिनों में नोटिस का जवाब ना देने पर गरोठ नगर परिषद अध्यक्ष पर होगी कार्यवाही !
नियम विरुद्ध विकास शुल्क वसूलने एवं कालोनाइजरों को लाभ पहुंचाने का आरोप !
एम पी 14 न्यूज
गरोठ
नियमों के विरुद्ध जनता से अवैध रूप से विकास शुल्क वसूल करने तथा अवैध कालोनी काटने वाले कॉलोनाइजरों को अवांछित लाभ पहुंचाने के आरोप में गरोठ नगर परिषद अध्यक्ष राजेश सेठिया को नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के उपसचिव द्वारा नोटिस दिया गया है गरोठ नगर परिषद अध्यक्ष राजेश सेठिया को मंत्रालय ने 15 दिन का समय दिया है ताकि वे अपना जवाब दे सकें साथ ही चेतावनी भी दी है कि 15 दिन में नोटिस का जवाब नहीं दिया जाता है तो मंत्रालय उनके खिलाफ एक पक्षी कार्रवाई करेगा
आपको बता दें की नगर परिषद के गठन के बाद पिछले साल नगर परिषद ने पहली बैठक में नगर में 2016 से पहले की सभी अवैध कॉलोनी के निवासियों के नामांतरण के लिए 15 फीसदी विकास शुल्क तय कर नामांतरण करने का फैसला लिया था इस निर्णय के खिलाफ शिकायत हो गई एवं शिकायत के आधार पर मंत्रालय ने सेठिया को नोटिस जारी किया इसमें लिखा है कि नगर परिषद ने अवैध रूप से विकास शुल्क वसूला साथ ही अवैध कॉलोनी को काटने वाले कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने का काम किया है इसके चलते शासन की राय में निकाय हित एवं लोकहित में नगर परिषद अध्यक्ष राजेश सेठिया का पद पर बने रहना वांछनीय नहीं है उन्हें पद से हटाए जाने को लेकर मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 क के अंतर्गत कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है
15 हजार का काम 75 हजार में !
पूरे मामले में शिकायत के बाद विकास शुल्क निर्धारित करने के लिए एक एजेंसी को नियुक्त किया गया था इस एजेंसी को नगर परिषद गरोठ द्वारा 6 लाख का भुगतान किया गया है इस एजेंसी ने सर्वे करने के बाद विकास शुल्क तय किया है एवं बताया है कि नगर की सभी अवैध कॉलोनी में विकास शुल्क 45 रुपए प्रति वर्ग फीट से 75 रुपए प्रति वर्ग फीट तक देना होगा इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि अगर किसी के पास 1000 वर्ग फीट का प्लाट है तो नगर परिषद द्वारा पहले तय किए गए आधार पर उसे केवल 15 हजार रु का विकास शुल्क जमा करने पर नामांतरण हो रहा था लेकिन अब एजेंसी द्वारा जो पैरामीटर बनाया गया उसके अनुसार इस प्लाट पर 75 हजार रु का विकास शुल्क जमा कराना पड़ेगा तब जाकर उसका नामांतरण संभव हो पाएगा
इस पूरे मामले में गरोठ नगर परिषद अध्यक्ष राजेश सेठिया का कहना है की नगर के सभी 15 पार्षदों की सहमति से यह निर्णय लिया गया था और यह निर्णय आम जनता की सुविधा के लिए लिया गया था फिलहाल जो नोटिस आया है उसका जवाब दिया जाएगा